2023 के 25 शानदार गीतों की इस वार्षिक संगीतमाला का सफ़र आधे से ज़्यादा पूरा हो चुका है और काफी अंतराल के बाद आज की इस पायदान पर एक बार फिर गूँजेगी अरिजीत सिंह की आवाज़। पर इस गीत से जुड़ी रोचक बात ये है कि जब पहली बार इस गीत का मुखड़ा लिखा और गाया गया तो अरिजीत वहाँ परिदृश्य में थे ही नहीं।
इस गीत का संगीत देने वाले श्रेयस पुराणिक अपने गीतों को अक्सर सिद्धार्थ गरिमा की जोड़ी से लिखवाते रहे हैं। उनके इस साथ की वज़ह हैं संजय लीला भंसाली जिनकी फिल्मों में इस तिकड़ी ने साथ साथ काम किया है।
महाराष्ट के नागपुर से छत्तीसगढ़ के अंदरुनी इलाकों में अपना आरंभिक जीवन बिताने वाले श्रेयस मुंबई में सुरेश वाडकर से संगीत विद्यालय में अपना हुनर तराशने आए थे। संगीत साधना करते हुए उन्हें संजय लीला भंसाली का सहायक बनने का मौका मिला। बाजीराव मस्तानी की गणेश आरती उनके द्वारा ही कम्पोज़ की गयी थी। मूलतः गायक का सपना लिए हुए श्रेयस के संगीतकार बनने का ये पहला कदम था। श्रेयस आजकल ओटीटी के साथ साथ स्वतंत्र संगीत के जरिए भी अपनी धुनें श्रोताओं तक पहुंचा रहे हैं।
जब उन्होंने सिद्धार्थ गरिमा के साथ मिलकर इस गीत का मुखड़ा बनाया तो ये जरूर महसूस किया कि इसे किसी बड़ी फिल्म के लिए रख लेना चाहिए। ख़ैर वो बात आई गयी हो गयी। फिर दीवाली की एक पार्टी में पहुँचे श्रेयस ने वहां जमी जमाई महफ़िल के बीच इस गीत को यूं ही गाना शुरु कर दिया। उसी पार्टी में एनिमल के निर्देशक संदीप वांगा भी मौज़ूद थे। उन्होंने गीत सुना और सुनकर इतने प्रभावित हुए कि फिर गिटार के साथ कई बार और सुना। वे गीत की तारीफ़ करते हुए चले गए।
कुछ दिनों बाद उनके कार्यालय से वो फोन आ ही गया जिसकी श्रेयस बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे थे। उनकी हामी भरने के बाद ही गीत का बाकी हिस्सा फिल्म की परिस्थिति को देख के लिखा गया।
एनिमल के इस गीत में कमाल के बोल लिखे हैं सिद्धार्थ और गरिमा ने। मुखड़ा ही देखिए कितना प्यारा है जो करवाचौथ की फिल्म की परिस्थिति में एकदम फिट बैठता है... आधा तेरा इश्क़, आधा मेरा .. ऐसे हो पूरा चंद्रमा...तारा तेरा इक तारा मेरा, बाकी अँधेरा आसमां..। नायक नायिका की सहज प्रेम कथा तो ये है नहीं। उसके कुछ बदरंग पहलू भी हैं जिनके रहते हुए भी कभी कभी सतरंगे इश्क़ की फुलझड़ियाँ निकलती रहती हैं और इसे विरोधाभास को शब्द देती हुए गीतकार जोड़ी लिखती है..बदरंग में सतरंगा है ये इश्क़ रे.. जोगी मैं और गंगा है ये इश्क़ रे।
पर नायक नायिका के इस जटिल रिश्ते को उनकी लिखी इस पंक्ति में बखूबी समझा जा सकता है मैं समंदर, परिंदा है ये इश्क़ रे....मन मातम और जिंदा है ये इश्क़ रे
पहले इसे श्रेयस ने ख़ुद गाया था पर फिल्म का हिस्सा बनते ही ये गीत अरिजीत का हो गया। श्रेयस ख़ुद मानते हैं कि अरिजीत उसे जिस स्तर पर ले गए वो शायद ही वहाँ ले जा पाते।
आधा तेरा इश्क़, आधा मेरा .. ऐसे हो पूरा चंद्रमा
हो तारा तेरा इक तारा मेरा, बाकी अँधेरा आसमां
ना तेरे संग लागे, बांधे जो पीपल पे धागे
ये सुरमे के धारे, बहते है नज़रे बचा के
बदरंग में सतरंगा है ये इश्क़ रे
जोगी मैं और गंगा है ये इश्क़ रे
ना तेरे संग लागे, बांधे जो पीपल पे धागे
ये सुरमे के धारे, बहते है नज़रे बचा के
बदरंग में सतरंगा है ये इश्क़ रे
जोगी मैं और गंगा है ये इश्क़ रे
माथे से लगा लूँ हाथ, छू के मैं पैर तेरे
हो रख लूँ मैं तन पे ज़ख्म, बना सारे बैर तेरे
रुकणा नी तू, हुण रुसना नी मैं
तेरा नी रहा, ना खुद दा वी मैं
दुनिया तू है मेरी
पर न आना अब न आना
मैं नीं आना शहर तेरे
जो फेरे संग लागे, रखते वो हमको जला के
वो वादे झूठे वादे, ले जा तू कसमें लगा के
रग रग में मलंगा है ये इश्क़ रे
क्यू लहू में ही रंगा है ये इश्क़ रे
हो बदरंग में..
तू मेरी सारी यादें, पानी में आज बहा दे
ये तेरी भीगी आँखें, रख लू लबों से लगा के
मैं समंदर, परिंदा है ये इश्क रे
मन मातम और जिंदा है ये इश्क़ रे
हो बदरंग में ...
तो आइए सुनते हैं गिटार आधारित इस शब्द प्रधान धुन को अरिजीत की आवाज़ में
वार्षिक संगीतमाला 2023 में मेरी पसंद के पच्चीस गीत
- वो तेरे मेरे इश्क़ का
- तुम क्या मिले
- पल ये सुलझे सुलझे उलझें हैं क्यूँ
- कि देखो ना बादल..नहीं जी नहीं
- आ जा रे आ बरखा रे
- बोलो भी बोलो ना
- रुआँ रुआँ खिलने लगी है ज़मीं
- नौका डूबी रे
- मुक्ति दो मुक्ति दो माटी से माटी को
- कल रात आया मेरे घर एक चोर
- वे कमलेया
- उड़े उड़नखटोले नयनों के तेरे
- पहले भी मैं तुमसे मिला हूँ
- कुछ देर के लिए रह जाओ ना
- आधा तेरा इश्क़ आधा मेरा..सतरंगा
- बाबूजी भोले भाले
- तू है तो मुझे और क्या चाहिए
- कैसी कहानी ज़िंदगी?
- तेरे वास्ते फ़लक से मैं चाँद लाऊँगा
- ओ माही ओ माही
- ये गलियों के आवारा बेकार कुत्ते
- मैं परवाना तेरा नाम बताना
- चल उड़ चल सुगना गउवाँ के ओर
- दिल झूम झूम जाए
- कि रब्बा जाणदा
7 टिप्पणियाँ:
वाकई बहुत प्यारा गीत है। शब्द बहुत ही सुन्दर हैं...और उसको किस्मत से अच्छे संगीत का साथ मिल गया.... उसपे इसे गाया अरिजीत ने.. जो एक सादे-से गीत को अपनी आवाज़ से ख़ास बना देते हैं। ( जैसे 'मुहब्बत बरसा देना तू..सावन आया है' , 'सुनो न 'संगमरमर'.. , 'लुट- पुट गया'... आदि) वैसे आप तो जानते ही हैं कि मैं अरिजीत की फैन हूं।☺️😊
Disha Bhatnagar इस दौर के सबसे गुणी कलाकारों में हैं अरिजीत। उनकी रेंज भी कमाल है। यही वज़ह है कि कुल 25 गीतों की इस फेरहिस्त में अकेले उनके गाए छः गीत हैं और सातवां उनका संगीतबद्ध किया हुआ है।
बहुत से साधारण गीतों को उन्होंने सुनने लायक बनाया है। रूमानी गीतों में तो वो कहर ढाते ही हैं पर पिछले साल जिस तरह लीक से हटकर जिस तरह उन्होंने पिप्पा में अपने आवाज़ के साथ प्रयोग किया वो उनके प्रति सम्मान को और बढ़ा गया।😊
मुझे भी ये गीत बहुत पसंद हैं 👌👌
Pratima रूमानी गीत जो ठहरा 😝। अभी थोड़ा दुखी करने वाला धीमा गीत होता तो उल्टा रिएक्शन होता😁। इतने दिनों से मुझे अंदाज़ा हो गया है आपकी पसंद का।
Manish Kumar 😁 एकदम सही पहचाना आपने मुझे दुःख भरे गीत बिल्कुल पसंद नहीं ।
साल के सबसे मेलोडियस गीतों में एक...अरिजीत सिंह की गायकी के बारे में कुछ कहने की आवश्यकता ही नहीं❗😊
आधा तेरा इश्क़... आधा मेरा... ऐसे हो पूरा चंद्रमा
हो तारा तेरा इक तारा मेरा...बाकी अँधेरा आसमां...
मेरी सबसे प्रिय पंक्तियां❗🥰❤️
Manish मुझे भी इस गीत का प्यारा हिस्सा इसका मुखड़ा लगा। अरिजीत, श्रेया, सुनिधि आज के सबसे हुनरमंद गायकों में से हैं।
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