जिन्दगी यादों का कारवाँ है.खट्टी मीठी भूली बिसरी यादें...क्यूँ ना उन्हें जिन्दा करें अपने प्रिय गीतों, गजलों और कविताओं के माध्यम से!
अगर साहित्य और संगीत की धारा में बहने को तैयार हैं आप तो कीजिए अपनी एक शाम मेरे नाम..
Author: Manish Kumar
| Posted at: 2/23/2025 10:49:00 am |
Filed Under: वार्षिक संगीतमाला 2024
|
पिछले कुछ हफ्तों से गत वर्ष के कुछ शानदार गीतों की फेरहिस्त तैयार करने में जुटा हूं जैसा मैं अपने ब्लॉग पर पिछले दो दशकों से करता आया हूं। इधर देख रहा हूं कि हिंदी फिल्म संगीत एक बार फिर ढलान पर है। साल में रिलीज हुई दर्जनों फिल्मों में पांच छह का ही संगीत औसत से बेहतर नज़र आता है। विशाल शेखर और शंकर अहसान लाय जैसे गुणी संगीतकार तो पिछले कुछ सालों से फिल्म संगीत में कुछ खास रंग जमा नहीं पा रहे। प्रीतम, सचिन जिगर और राम संपत का काम भी इस साल औसत रहा है। हां ये जरूर है कि ए. आर. रहमान,अमित त्रिवेदी, प्रीतम और अनुराग सैकिया का काम विगत कुछ वर्षों में अच्छा रहा है।
नतीजा ये हुआ है कि साल 2024 के 25 बेहतरीन गीतों तक पहुंचने के लिए पिछली साल की ही तरह इस बार भी मुझे वेब सीरीज और स्वतंत्र संगीत के गलियारों से होकर गुजरना पड़ा है। पिछले साल भी अगर जुबली जैसा एल्बम न आया होता तो मेरी ये सूची पूरी न हो पाती।
अब स्वतंत्र संगीत भी ऐसा महासागर है जिसमें हजारों बिखरे मोतियों में से कुछ को चुनना आसान नहीं। इस बार चुने गए 25 गीतों में 13 फिल्मों से हैं जबकि बाकी के बारह गैर फिल्मी। इस बार की संगीतमाला में आपको मंजे हुए नामों के साथ कई युवा चेहरे भी दिखाई देंगे जिन्हें आपने शायद पहले न सुना हो। तो चलते हैं आज से वार्षिक संगीतमाला के इस सालाना सफ़र पर।
तो इस साल संगीतमाला का आगाज़ करने से पहले इक नज़र उन गीतों पर जिन्होंने हमें झूमने नाचने के कुछ हल्के फुल्के पल दिए।
हिंदी फिल्मों में डांस नंबर्स को फिल्माने का वही पुराना तरीका है जिसकी थीम में एक हसीना और सौ दीवाने रहते हैं। परिदृश्य में उछलते कूदते नर्तकों का हुजूम और फिर एक शोख बाला का आगमन। गीत लोगों के दिल में राज करे उसके लिए सबसे पहली जरूरत तो ध्यान खींचने वाली धुन का होता है। पर झुमाने वाली धुन के साथ अगर अपने चहेते अभिनेता अभिनेत्रियों द्वारा किए गए डांस स्टेप्स लोगों की आँखों में चढ़ गए तो समझिए की रील्स का कारोबार शुरु और गाने की लोकप्रियता रातों रात आसमान पर।
रही इन गीतों के बोलों की बात तो उनकी चर्चा जितनी कम की जाए उतना ही बेहतर। आप तो मस्ती की तरंग में डूबिए। इस पर क्यों ध्यान देना कि कहीं कोई खेतों में बुला रहा है, कोई उल्टी सीधी फोटो शेयर करने पर थप्पड़ मारने की धमकी दे रहा है, कहीं मम्मी जी अचानक घर पर आकर रंग में भंग किए दे रही हैं, कोई कहीं हुस्न की अधिकता से तौबा तौबा कर रहा है तो कोई हुस्न का दीदार कराने को आमादा है। 😝
इन सब गीतों के बीच ठेठ भोजपुरी में एक प्यारा सा सोहर ओ राजाजी भी है जो आज की सामाजिक परिस्थितियों को बड़े तरीके से आपके मन को गुदगुदाते हुए चित्रित करता है। इस गीत के छायांकन में कोई नृत्य नहीं पर उसकी धुन पर झूमते हुए मैंने नेट और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बहुतों को देखा है।
हुस्न तेरा तौबा
हिंदी फिल्मों के डांस नंबर में अगर पंजाबी तड़का ना लगे तब तक वो हिंदी फिल्म निर्देशकों और निर्माताओं के गले नहीं उतरता। वैसे वे करें भी तो कया करें हमारी नई पीढ़ी का एक बड़ा वर्ग पंजाबी पॉप का दीवाना है।
लाल पीली अंखियां
धुन तनिष्क बागची की और गाया है इसे तनिष्क के साथ रोमी ने।
किया कराया हो गया बर्बाद मम्मी जी
मनन भारद्वाज द्वारा संगीत निर्देशित फिल्म वेदा के इस गीत को गाया है हिमानी कपूर और प्राजक्ता शुक्रे ने।
ओ राजाजी ओ राजाजी
बात कहने का सलीका हो तो मुद्दे की बात कह कर भी लोगों को थिरकाया जा सकता है। पंचायत वेब सीरीज के लिए मनोज तिवारी का गाया ये गीत इसी तथ्य की तस्दीक़ करता है।
थप्पड़ मारूँगी
दक्षिण भारतीय फिल्मों में नृत्य की कोरियोग्राफी एक अलग ही स्तर की होती है। अभिनेत्री श्रीलीला ने गजब के स्टेप्स किए हैं पुष्पा 2 के इस गीत में
आज की रात मज़ा हुस्न का आँखों से लीजिए
मधुबंती बागची को भले ही स्त्री 2 के इस आइटम नंबर से देश में पहचान मिली हो पर आपको जानकर आश्चर्य होगा कि वो इसी महारत से ठुमरी से लेकर ग़ज़ल भी गाया करती हैं।
तेरी बातो. में ऐसा उलझा जिया
एक रोबोट अगर नृत्य करे तो मन थोड़ा उलझ ही जाएगा। तनिष्क बागची का संगीत और इस गीत के सिग्नेचर स्टेप्स ने मुझे भी पिछले साल झूमने पर मजबूर किया था।
वैसे इस साल आपको किस गीत ने सबसे ज्यादा थिरकाया है?
मेरी पसंद के पच्चीस गीतों को सिलसिलेवार ढंग से लाऊँगा अगले कुछ महीनों में वार्षिक संगीतमाला 2024 के माध्यम से। तब तक साथ बने रहें।
उत्तरी कारो नदी में पदयात्रा Torpa , Jharkhand
-
कारो और कोयल ये दो प्यारी नदियां कभी सघन वनों तो कभी कृषि योग्य पठारी
इलाकों के बीच से बहती हुई दक्षिणी झारखंड को सींचती हैं। बरसात में उफनती ये
नदियां...
इस चिट्ठे का उद्देश्य अच्छे संगीत और साहित्य एवम्र उनसे जुड़े कुछ पहलुओं को अपने नज़रिए से विश्लेषित कर संगीत प्रेमी पाठकों तक पहुँचाना और लोकप्रिय बनाना है। इसी हेतु चिट्ठे पर संगीत और चित्रों का प्रयोग हुआ है। अगर इस चिट्ठे पर प्रकाशित चित्र, संगीत या अन्य किसी सामग्री से कॉपीराइट का उल्लंघन होता है तो कृपया सूचित करें। आपकी सूचना पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।
5 टिप्पणियाँ:
आज की रात वाला
🙂🙂
आज की रात...🥰
हिन्द के सितारा...😊
हुस्न तेरा तौबा...😎
Manish ये तौबा वाला तो दीपिका के लिए होगा 😝
एकदम सही सर...❗😇💓
एक टिप्पणी भेजें