श्रीराम राघवन की फिल्मों का अनूठा पहलू यह है कि उनकी फिल्मों के गाने पटकथा से सीधे तौर पर जुड़े होते हैं। यह मेरे लिए कहानी और मूड के सार को पकड़ने का मौका तो देता ही है, साथ ही फिल्म के संदर्भ से इतर भी कुछ मनोरंजक रचने का अवसर प्रदान करता है। बिना इसकी पटकथा जाने हुए भी लोगों ने इस फिल्म के गीतों को पसंद किया है।
सच तो ये है कि मैंने भी मेरी क्रिसमस नहीं देखी पर इसके बावज़ूद भी इसके गीत मेरी गीतमाला का हिस्सा बने हैं।
ये फिल्म क्रिसमस के आस पास रिलीज़ हुयी थी। इसका जो ये शीर्षक गीत है वो इसी त्योहार की मौज मस्ती की तरंग को अपने अंदर समाता हुआ सा बहता है। वरुण के शब्द और सुनिधि की प्यारी गायिकी इस खुशनुमा माहौल को धनात्मक उर्जा और प्रेम के रंगों से भर देते हैं। सुनिधि की गायिकी कितनी शानदार है वो आप इस गीत के ऐश किंग वाले वर्सन को सुन कर समझ सकते हैं। प्रीतम ने अपने इस गीत में ट्रम्पेट का बेहतरीन इस्तेमाल किया है जिसे आप गीत के बोलों के आगे पीछे इस गीत में बारहा सुनेंगे।
दिन बड़ा ये ख़ास है, प्यार आस-पास है
छाया है जादू एक सा
Cherry और Sherry का समाँ
नेमत बरसाता आसमाँ
सात रंग शाम के, नाचें हाथ थाम के
बातें भी बन जाएँ दुआ
झूमें और डोलें हम-तुम हौले-हौले
तेरी-मेरी Merry Christmas
Merry Merry Merry Christmas
बस, ये ख़ुमार मुझपे थोड़ा-सा, थोड़ा-सा, थोड़ा-सा आने दे
बस, एक बार मुझे गहरे समंदर में गुम हो जाने दे
ओ, बस, ये ख़ुमार मुझपे थोड़ा-सा, थोड़ा-सा, थोड़ा-सा आने दे
बस, एक बार मुझे गहरे समंदर में गुम हो जाने दे,
रोशन तारों की रात है
हम दिल-हारों की रात है
प्यार है, जुनून है, और इक सुकून है
सब रस्ते आते हैं यहाँ
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